गुरुवार, 12 अप्रैल 2012

12th Rahu in Gochara

धनु लगन की कुंडली,चन्द्र बारहवा होय।
राहू बारहवा गोचर करे,पल पल दुख देय।।
धनु लगन में बारहवा चन्द्रमा वृश्चिक राशि का होता है यह राश शमशानी राशि कहलाती है,इस राशि में चन्द्रमा होने पर एक आत्मा सर पर हमेशा निवास करती है,उअर इसी लिए जातक की सोच में हमेशा ही रिस्क लेने की बाते और जन्म स्थान से दक्षिण पूर्व में जाकर कार्य करने तथा पल पल चिंता में रहकर जीने के लिए माना जाता है इस राशि में चन्द्रमा के होने के कारण जातक को रोज कमाना और रोज खाना भी पड़ता है कारण इस भाव में चन्द्रमा होने के कारण जो भी जानकार होते है या जो भी परमानेंट काम होते है वे सभी इस आत्मा के कारण या तो किये नहीं जा सकते है या वे करने के बाद भी कार्य का फल यानी मजदूरी आदि नहीं देने देते है,इस भाव में राहू अगर गोचर करता है और कोई अन्य ग्रह सहायता मे नही होता है तो जातक अक्सर मृत्यु को वरण करने तक की सोच लेता है। जातक की माता का कोई भी समय नही होता है वह जातक के जन्म के समय से बारह दिन बारह महिने और बारह साल की उम्र तक भी परलोक सिधार सकती है.अक्सर जातक की उम्र की पांचवी साल मे भी जातक की माता का अस्प्ताली कारणो से जूझना और किसी प्रकार से अन्य हादसे का शिकार होना माना जाता है। इस भाव मे चन्द्रमा होने से एक बात और भी मानी जाती है कि जातक के एक ताई होती है जो तंत्र मंत्र के कार्यों मे निपुण होती है और जातक के परिवार के प्रति अपनी दुर्भावना को रखती है अगर ताई नही होती है तो जातक की माता के छोटे भाई की पत्नी भी इसी स्वभाव की हो सकती है. अगर यह भी नही हो तो जातक के जीवन साथी की चाची या मौसी का प्रभाव भी ऐसा होता है यह बात जातक की बुआ जो पिता से छोटी होती है उसके बारे मे भी यही कहा जा सकता है। जातक जब बाहर रहता है और यात्रा आदि करता है साथ ही उस यात्रा के समय मे जाने अंजाने स्थान मे भी भ्रमण करता है उन स्थानो से सम्बन्धित बुरी आत्मा भी जातक को परेशान कर सकती है इसका पहला शारीरिक कारण जो मिलता है वह यौनांग मे जलन या पेशाब की दिक्कत हो जाना और बुरे बुरे सपने दिखाई देना अधिकतर डरावने सपने दिखाई देने की बात भी मिलती है.
  • जातक को राहु के उपाय करने चाहिये उसे धार्मिक कारणो मे अधिक जाना चाहिये तथा अकेले मे कही शमशानी स्थान मे नही जाना चाहिये.
  • यहां गोचर करने वाला राहु अक्सर जीविका के साधन बन्द कर देता है और जातक को जबरदस्ती परेशानी मे डालकर मरने की सोचने के लिये मजबूर कर देता है उसके लिये राहु का तर्पण करवाना केतु के मंत्रो का जाप करवाना मंगल की सेवा करना हनुमान जी आराधना करना और गोमेद पहिनना तथा किसी भी प्रकार की बुरी नजर से बचने के लिये काला सुलेमानी पत्थर पहिना जाना आराम देने लगता है.
  • इस भाव मे राहु के गोचर के समय मे जातक अक्सर शमशानी साधनाओ की तरफ़ जाने लगता है और तंत्र मंत्र की खोज मे लग जाता बहुधा देका गया है कि जातक कितना ही धार्मिक हो लेकिन इस गोचर के समय मे वह कई प्रकार के आमिष खानपान की तरफ़ बढ जाता है यही कारण होता है कि जातक का कोई भी इष्ट देवता आदि बचाने का काम नही कर पाता है.इन कारणो से जातक को बचना चाहिये.
  • अगर जातक जवान है खूबशूरत है तो अक्सर देखा गया है कि पुरुष है तो विधवा औरते और स्त्री है तो विधुर पुरुश अक्समात ही आकर्षित होने लगते है,इस कारण से भी जातक का शरीर अधिक कामुकता और यौन सम्बन्धो के कारण खराब होता जाता है कई प्रकार की कमजोरी भी जातक को लग जाती है और आंखो के चारो ओर काले घेरे बनने लगते है.